Kale dev maharaj ki janm katha , काले देव महाराज जी के जन्म की कहानी

काले देव महाराज की जय
गुरूगोरख नाथ महाराज की जय गोगा जाहरवीर महाराज की जय श्री वाछल माता की जय श्री शिरियल माता की जय श्री काली माता की जय मेरे प्यारे दोस्तो आज मे आपको इस लेख मे वतांऊगा कजरीवन के कहलाने वाले काले देव महाराज काले देव बाबा ठाकुर बाबा करुआ बाबा सच्चे देव धर्मधारी देव कारे देव बाबा आज मे कजरीवन के काले देव महाराज की जन्म की कथा इस लेख मे बता रहा हूं कथा कुछ इस प्रकार है:- बात उस समय की है राजस्थान के बागड देश मे जब श्री जेवर चौहान महाराज और श्री वाछल माता के परिवार उनके पास कोई संतान नहीं थी जब गुरु गोरखनाथ महाराज जी के आशीर्वाद से उनके यहां श्री जाहरवीर महाराज का जन्म हुआ उनके यहां पुत्र की प्राप्ति हुई
जाहरवीर महाराज की लीला चलती रही तब कुछ एसा हुआ उनके परिवार में जाहरवीर महाराज ने अपने छोटे भाइयों अर्जन और सर्जन को अपनी पत्नी सिरियल से बदसलूकी के कारण दोनों भाइयों को युद्द में मार गिराया तब उन दोनों भाइयों को मारकर घर वापस लौटने पर उनकी माता वाछल को पता चला कि मेरे पुत्र जाहरवीर ने अपने छोटे भाइयों को मारा है तो फिर तो ठाकुर वंश में एक अलग ही घटना शुरू हो गई थी माता वाछल ने अपने बेटे जाहरवीर को कहा की तुम मुझे जीते जी अपना चेहरा मत दिखाना जाहरवीर अभी मेरी आँखों के सामने से चाला जा तब ही जाहरवीर महाराज अपने माता पिता और पत्नी को छोड़कर जा रहे थे तभी उनकी पत्नी ने कहा कि स्वामी मे भी तुम्हारे साथ चलूँगी तब गोगा जाहरवीर महाराज जी ने कहा कि मेरी प्यारी सिरियल तुम मेरे साथ चलकर क्या करोगी तुम मेरे माता पिता की सेवा करो तब ज्यादा जिद करने पर माता सिरियल को जाहरवीर महाराज ने कहा कि मैं तुम्हें रात को मिलने आया करूंगा इतना कह कर जाहरवीर
महाराज कजरी वन को चले गए । फिर कुछ एसा हुआ कि जाहरवीर महाराज रात को छुप छुप कर अपनी पत्नी सिरियल के पास आते थे उन्होंने अपनी पत्नी सिरियल से वचन ले लिए की मे यहा आता हूं तुम्हारे आलावा किसी ओर को पता नहीं चलना चाहिए सिरियल ? माता ने बचन दे दिया तब ही एक रात को माता सिरियल के गर्भ मे गर्भ धारण हो गया था माता सिरियल को पता चला कि मेरे पेट मे जो बच्चा है उस बच्चे को जन्म जरूर दूंगी ये मेरे पति जाहरवीर महाराज की निशानी है और मे उनके ठाकुर वंश को आगे बढ़ाना चाहती हूं तब एक रात को जाहरवीर महाराज आए तो माता सिरियल ने अपने स्वामी को बताया कि मेरे गर्भ मे बच्चा पल रहा है तो जाहरवीर महाराज ने बच्चा को जन्म ना देने के लिये कहा । एक दिन की बात है कि माता सिरियल स्नान कर रही थी तब ही उनकी सास जो माता वाछल है उन्होंने सिरियल माता को नहाते हुए देखा तो माता सिरियल का पेट बड़ा हुया था उन्होंने सिरियल माता से पूछा कि सिरियल ये तुम्हारे पेट मे जो बच्चा पल रहा है ये किसका है मेरा बेटा जाहरवीर तो काफी समय पहले ही घर छोड़कर चला गया है फिर ये पाप किसका है जो तेरे पेट मे पल रहा है सिरियल तूने ठाकुर वंश की नाक काटा दी कहा तूने अपना मुंह काला किया है मुझे बता दें सिरियल नहीं तो मेरे घर से निकल जा तब माता सिरियल ने कहा कि सासु माता ये जो मेरे पेट में बच्चा है ये किसी ओर का नहीं बल्कि तुम्हारें बेटा का है माता वाछल ने कहा कि बदचलन मेरा बेटा को जाए हुए एक साल हो गई तू मेरे बेटे को इस पाप का बाप बता रही है तब माता सिरियल ने बताया कि तुम्हारे
बेटे ने मुझसे वचन ले लिए थे कि मेरे बारे मे किसी को पता नहीं चलना चाहिए इसलिए मे आपकी इतनी गलत बातें सुन रही हूं। सासु माँ तुम्हारे बेटा रात को मुझसे मिलने आते है तुम्हें विश्वास नहीं है तो आज रात को मे तुम्हें तुम्हारे बेटे से मिला दूंगी। । उसी रात को जाहरवीर महाराज जब रात को आए तो सिरियल माता स्वामी तुम चारपाई पर बैठो मे तुम्हारें लिए पानी लेकर आती हूं तब ही पानी के बहाने से माता सिरियल अपनी सासु माँ वाछल को बताया कि देखो तुम्हारे बेटे आए हुए है तब वाछल माता ने जाहरवीर महाराज को अपनी आँखों से देखा कि मेरे बेटे का ही बच्चा है जो सिरियल के पेट मे है।। एक दिन जब (6) छह महीने का गर्भ हो गया था तब ही माता सिरियल का गर्भ बड़ा हो गया था तो माता वाछल को लोग कहने लगे कि तेरी बहु के पेट मे किसका बच्चा पल रहा है तुम्हारा बेटा तो एक साल पहले ही घर छोड़ कर चाला गया था तो ये तुम्हारे ठाकुर कुल मे किसका पाप पल रहा है इतनी बातें गांव की लोगों की सुनी तो माता वाछल को गुस्सा आ गया तब ही वो अपने घर आ गई और अपनी बहु सिरियल के ऊपर हाथ उठा दिया तब ही उनका हाथ माता सिरियल के पेट पर हाथ लग गया ।। जैसे ही माता सिरियल के पेट पर हाथ लगा तब ही वह छह महीने का गर्भ निकल गया वो गर्भ निकल कर माता महाकाली गंगा नदी मे बीच गंगा
खड़े हो कर स्नान कर रही थी तब ही वो जो गर्भ सिरियल के पेट से निकल कर माता काली के हाथो मे आ गिरा गंगा के बीच मे माता कालका ने उस बच्चे की साफ़ सफाई करके गंगा मे स्नान करा के अपने आचल से दूध पिलाने लगी।। फिर माता महाकाली ने उस बच्चे को अपने पास रखा और अपना दूध पीला कर उस बच्चे को पालने लगी बच्चा बड़ा होता गया।।काली माता ने उस बच्चे को पाला काली महाकाली कालका माता की सदा ही जय हो । जब उस बच्चे को कालका माता ने पाला और उसका रंग काली माता के साथ रह कर उस बच्चे का रंग भी काला हो गया था उस बच्चे का नाम काली माता ने काले देव रख दिया।। इनकी माता सिरियल और पिता जाहरवीर महाराज है जो ठाकुर वंश से है पाला इन्हें काली माता ने है इसलिए काली के करुआ भी कहते है
कजरी वन के काले देव और ठाकुर वंश से है ये तो इन्हें कुछ लोग कजरी वन के ठाकुर महाराज कहते है कहीं ठाकुर बाबा और काले देव बाबा और कजरी वन के काले देव महाराज भी कहते है।। यह मेने इस लेख मे आपको काले देव महाराज की जन्म की कथा को बताया है जो कि बिल्कुल सत्य और सही है इसमे कोई संदेह नहीं काफी रिसर्च करने के बाद ये पता चला है यह लेख आपको पसंद आया हो तो अपने दोस्तों को शेयर करें धन्यवाद जी
मे काले देव महाराज जी का एक छोटा सा सेवक हूं आगे आने वाले लेख मे श्री काले देव महाराज जी के मंदिर के बारे मे और इनकी पूजा विधि के बारे मे जानकारी दूंगा इनकी पूजा कैसे की जाए और कैसे इनकी शक्ति प्राप्त हो काले देव महाराज जी के बारे मे और कोई जानकारी चाहते हो तो मुझे कमेन्ट मे लिख कर भेजे धन्यवाद

टिप्पणियाँ

  1. Shri Kale Dev ki Jay.

    Guru Ji kripya bataiye ki Maharaj Ji Ka Mandir kaha hai?

    जवाब देंहटाएं
  2. जय माता महाकाली की कृपा करें गुरुजी यह भी बताएं कि कालेदेव का पहला स्थान कहां और सबसे पहले पूजा किसने की

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

काले देव महाराज कजरीवन के ठाकुर बाबा की पूजा विधि हिंदी मे जाने

काले देव महाराज काले देव बाबा की जन्म कथा